यह नया साल / अनुपम सिंह
कल आने वाले नए साल में
कुछ लड़कियाँ तीस साल की हो जाएँगीं
इस उम्र में लड़कियाँ लेंगी
कुछ छोटे-बड़े फ़ैसले
यह तीस की उम्र
कुछ के प्रेम सम्बन्धों के
टूटने की उम्र होगी
उनके भीतर एक हूक उठेगी
जो बाहर सिसकियों में बदल जाएगी
एक दिन उठेंगी वे
आँखे बन्द करेंगी
और जी कड़ा करके
प्रेमी को लिख भेजेंगी करारा जवाब
कुछ चुनेंगी शाम का अकेलापन
और ऊबी हुई रातें
कुछ अपनी ही पराजय को
उत्सव में बदल
हँसेंगी ठठाकर
कुछ तीस तक पैदा कर चुकी होंगी
तीन–तीन बच्चे
आपरेशन की जगहों से
रिसता रहेगा मवाद
मेरे लिए यह तीस की उम्र
अपराधबोध की उम्र होगी
मेरे कुछ न कर पाने की सज़ा
मेरी छोटी बहनों को मिलेगी
मेरे चेहरे की कम होती चमक
स्तनों का ढीला होना
वितृष्णा का विषय होगा
और आनन-फानन में
ब्याह दी जाएँगी कम उम्र की बेटियाँ