भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

दर्द दिल के मिटाये जायेंगे / रंजना वर्मा

Kavita Kosh से
Rahul Shivay (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:39, 13 मार्च 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रंजना वर्मा |अनुवादक= |संग्रह=एहस...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

दर्द दिल के मिटाये जायेंगे
दागे दामन हटाये जायेंगे

जब कभी साथ हमारा होगा
जख़्म दिल के दिखाये जायेंगे

जिंदगी रूठने लगेगी जब
देवता ही मनाये जायेंगे

सरहदों से पुकार आती है
हौसले आजमाये जायेंगे

फिर न उजड़ेगा अब चमन कोई
ये दिलासे दिलाये जायेंगे
 
अब न दहशत पनाह पायेगी
कर के वादे निभाये जायेंगे

मान वृद्धों को यदि मिले घर में
फिर न आश्रम बनाये जायेंगे