मुझको सीने में पालकर रखिए
नाम मेरा संभालकर रखिए
अपना चेहरा ही काम आता है
ख़ुद को शीशे में ढालकर रखिए
कौन दुनिया में किसका होता है
यूँ न दिल को निकालकर रखिए
रास्तों का कोई भरोसा नहीं
हर क़दम देखभालकर रखिए
फैसले आएंगे हथेली पर
एक सिक्का उछालकर रखिए