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तू हिटदी जा / संदीप रावत
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कदम -कदम पौड़ छन तू हिटदी जा
बगत कनु बि हो दगड्या तू हिटदी जा |
सुख का सैण- सौड़ कैथैं सुद्दि नि मिल्दा
भेळ -पखाणा ये जीवन का तू सकदी जा |
तपी-तपी की क्वीलो बि अनमोल बणी जान्द
हौरि उजळो ह्वेलु बगत कि झौळ तपदी जा |
द्यखण त्वेन इन्द्र धनुष त धीरज धरी
बरखा-बत्वण्यूं सैयी घाम बि द्यखदी जा |
वेका घौर अबेर होली अंधेर नी होन्दी
हथ्यूं का रेखड़ा कर्मोंन तू बदलदी जा
पौड़ तोड़ी -तोड़ीक अपणू बाटु तू बण
पौंछिलु चुलंख्यूं तक तू हिटदी जा |