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सब्र को बीज / संदीप रावत

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एक बीज सब्र को
 हमारा भितर होण चैंद ,
 हव्वा कैs बि दिशा हो
 धीरज नी खोण चैंद |

अर ! खाद -पाणी मीनत की
सदानि दिदा होण चैंद ,
अफुं पर विश्वास कैर
जै - कै मा नी रोण चैंद
 एक बीज सब्र को
हमारा भितर होण चैंद |