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पल भर में मेरा प्यार मेहरबान ले गया / रंजना वर्मा

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पल भर में मेरा प्यार मेहरबान ले गया
नज़रें मिला के दीन औ ईमान ले गया

उल्फ़त की राह में हजार आफ़तें मगर
किश्ती में रख के शौक से तूफ़ान ले गया

हसरत थी आरजू थी तमन्ना भी वस्ल की
जाते हुए वो सब मेरे अरमान ले गया

उसकी ही मेहरबानियां रहतीं वजूद में
वो अपने साथ मेरा निगहबान ले गया

ले कर जिगर का खून रचाईं हथेलियाँ
बिन देखे मेरे शौक के सामान ले गया

नाजो अदा से पालते जिस लाड़ले को हम
जब उम्र ढली होंठों की मुस्कान ले गया

होकर नज़र से दूर वो खुश है चलो अच्छा
ये बात जुदा है हमारी जान ले गया

यादें हैं इल्तिज़ा है तसव्वुर है जुस्तजू
ख़्वाबों समेत वो मेरी पहचान ले गया

कर जिसकी इबादत है गुजारी ये जिंदगी
दिल तोड़ गया साथ में भगवान ले गया