आपसे रूठ कर हम किधर जायेंगे 
बिन मिले आपसे हम तो मर जायेंगे 
फूल खुशबू  लिये  खिल  रहे डाल पर 
एक दिन खिल के यूँ ही बिखर जायेंगे 
जा रहे  बज़्म  से हैं  हमारी  अगर
ये बता दीजिये अब किधर जायेंगे 
मुश्किलें आ पड़ीं तो न  घबराइये
दिन परेशानियों के  गुज़र जायेंगे 
बीच मझधार में डोलतीं कश्तियाँ
नाम ले कर ख़ुदा का उबर जायेंगे 
आप तो फेर कर मुँह चले जा रहे
याद पीछा  करेगी  जिधर जायेंगे 
इक नज़र डाल लीजे इधर आप तो
भाग्य बिगड़े  हमारे  सँवर जायेंगे