Last modified on 30 मार्च 2018, at 16:04

छिटगा-२ / बी. मोहन नेगी

Abhishek Amber (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:04, 30 मार्च 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=बी. मोहन नेगी }} {{KKCatGadhwaliRachna}} <poem> हे पार्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

हे पार्थ !
देख धौं
सूर्यास्त ह्वेगी
पहाड़ों पुरुषार्थ
कन मस्त ह्वेगी !