Last modified on 30 मार्च 2018, at 18:07

कतगा बदिलेगे जमानु / अनूप सिंह रावत

Abhishek Amber (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:07, 30 मार्च 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अनूप सिंह रावत }} {{KKCatGadhwaliRachna}} <poem> कतगा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

कतगा बदिलेगे जमानु आज कतगा बदलाव ऐगे
कलयुग ता चा ही पर भारी कलजुग ऐगे....

सुवा बणी चा गर्लफ्रेंड, सौजडया बॉयफ्रेंड ह्वेगे
माजी बणी चा मांम, अब बाबाजी डैडी ह्वेगे
रंत रैबार छुटी गैनी, अब नयु मोबाइल ऐगे
चिठ्ठी झणी कख गायी, अब इन्टरनेट ह्वेगे

छंच्या पल्यो बाड़ी गायी, चौमीन बर्गर ऐगे
च्या की केतली फुंड, कोफ़ी कोल्ड ड्रिंक ह्वेगे
ढोल दमाऊ मशकबीन अब ता कख ख्वेगे
नयु जमानु कु अब ता बल डी. ज. ऐगे...

ब्यो हुन्णु चा बाद मा, पैली ब्वारी परदेश ऐगे
बुढया ब्वे-बुबा घार मा, अब यखुली रैगे
स्कूल मा नाम दर्ज से पैली, फेसबुक मा ऐगे
स्कूल जालू की नि जालू, पैली टयूसन लैगे

नेता बणिया छन सभी, आम जनता कम ह्वेगे
गरीबो कु होरी बुरु कनु खुन, अब मंहगाई ऐगे
बीडी तम्बाकू हुक्का बंद, सिगरेट सिगार ऐगे
कच्ची का कंटर चुल्ला मा, गौं-२ मा ठेका ह्वेगे
कतगा बदिलेगे जमानु आज कतगा बदलाव ऐगे
कलयुग ता चा ही पर भारी कलजुग ऐगे...।