गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Last modified on 1 अप्रैल 2018, at 11:16
मिनख अर भगवान : तीन / दुष्यन्त जोशी
आशिष पुरोहित
(
चर्चा
|
योगदान
)
द्वारा परिवर्तित 11:16, 1 अप्रैल 2018 का अवतरण
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=
दुष्यन्त जोशी
|अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
हिन्दी/उर्दू
अंगिका
अवधी
गुजराती
नेपाली
भोजपुरी
मैथिली
राजस्थानी
हरियाणवी
अन्य भाषाएँ
दुष्यन्त जोशी
»
कठै गई बा'...
»
Script
Devanagari
Roman
Gujarati
Gurmukhi
Bangla
Diacritic Roman
IPA
आखौ जग देख
भीतर री आंख सूं
भगवान परगट सी
पग-पग माथै।
भगवौं बानौ
पळेट'र
काईं ढूंढै मिनख।