भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मिनख : दोय / दुष्यन्त जोशी

Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:26, 1 अप्रैल 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दुष्यन्त जोशी |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

रूंख
फळ देवै
छियां देवै

पौधा
फूल देवै
मै'क फैलावै

धरती
धान देवै
अर नद्यां
पाणी देवै

आपां
प्रकृति सूं सीखां
जीवां नै
मिनख ज्यूं दीखां।