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जादूगर / दुष्यन्त जोशी
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जादूगरां री नगरी है
म्हारौ सैहर
अठै
घणांईं मिनख
आपरी आंख्यां रै सा'मी
चारो खावै
सड़कां खावै
पुळ खावै
अर लोहै रा
सरिया तकात चबावै
आंरौ हाजमौ
इत्तौ है सांतरौ
कै
स्सौ' कीं पच ज्यावै।