Last modified on 1 अप्रैल 2018, at 12:11

पोथ्यां : तीन / दुष्यन्त जोशी

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:11, 1 अप्रैल 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दुष्यन्त जोशी |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

म्हूं
पोथ्यां नीं पढी
ठोकरां खाई है
आखै जग में
जिग्यां-जिग्यां

आखौ जग
लायब्रेरी है
अर
सगळा मिनख
है पोथ्यां

म्हूं आ'नै पढूं
अर आगै बढूं।