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मिनख-पाँच / ॠतुप्रिया
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दिनुगै-दिनुगै
म्हारी दूर तांईं पसर्योड़ी
छिंयां
दरसावै आखै दिन रौ टैम
अर सिंझ्या
दूर तांईं पसर्योड़ी छिंयां
दरसावै
कै बीतग्यौ आखौ दिन
टैम बगतौ रैवै
अर मिनख
नापतौ-देखतौ बिताद्यै
आपरी आखी जिनगी।