भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
डंड / ॠतुप्रिया
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:38, 3 अप्रैल 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ॠतुप्रिया |अनुवादक= |संग्रह=ठा’...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
समै
आपरी गति स्यूं चालै
पून
आपरी गति स्यूं बैवै
प्रकृति
आपरै हिसाब स्यूं चालै
आपां प्रकृति मुजब
कदी नीं चालां
इण सारू
आपां भुगतां
आप-आपरै
करमां रौ डंड।