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हुनर अर जीवण / ॠतुप्रिया
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हिरणती
आपरी नूंईं पीढी नै
देवै सीख
कै हुनर
हासल कर्यां ई हुयसी
तेरै जीवण रौ
बेड़ौ पार
अठै जणौ-कणौ
मांस भखै।