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महिला ट्रैफिक हवलदार / मोनिका गौड़

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कळकळीजतै तावड़ै सूं बेसी
पेटी री लाय पेटै
यूनीफॉर्म में तैनात
महिला ट्रैफिक हवलदार
लैणसर चलावै
स्हैर रो ट्रैफिक
मन री पगडांडियां भुंवीजती सरपट
पज्योड़ी गतागम में
किण भांत राखै लैणसर
गिरस्थी रै खरचां रो गाडूलियो
जिम्मेदारियां री लॉरी
चेन उतर्योड़ी सुपनां री साइकिल
च्यारूंमेर बरसती कळझळ में
सडक़ बिचाळै
भीड़ सूं लड़ालूम चौरस्ते
ऊभी है साव अेकली
जिंदगाणी रै महाभारत मांय
अभिमन्यु दांई
बदळती भूमिकावां, उम्मीदां
उचक’र चांद पकड़ण री हूंस
लाय पटकी
आंगणै सूं आभै री ठौड़
जिंदगी रै चौरायै
धूडिय़ा-धूड़ हुयगी
पगां माथै ऊभण री
रूमानी कल्पना
सुपनां री थेहड़ माथै
बगत रो खारो ज्हैर साच
बण्यो मजबूरी
कोई भी नौकरी करण री
ट्रैफिक हवलदार होवणो
सोख रैयो है
अंतस रो इमरत
फेरूं ई
दो बाई दो रै स्कार्फ सूं
माथो ढक्यां
करै आफळ
आपरी लुळताई बचावणै री
ट्रैफिक हवलदार
दो बाई दो रै स्कार्फ में
अंवेर रैयी है
आपरो स्त्रीपणो
स्हैर रै ट्रैफिक नैं
लेणसर चलांवती।