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चइता भर नै जादेवो नौकरिया / जयराम सिंह

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चैता भर नै जा देवो नौकरिया हो रामा,
चाहे जे भी होवे,

(1)
अहो रामा एहे रे महीनवां में,
छठ-रामनौमियाँ हो रामा।
पूजा-मनौति में, लुटा देवै, दुन्हूं फल टोकरिया,
हो रामा, चाहे जे भी होवै॥

(2)
अहो रामा दिनवां में पवनवाँ
बजावेऽ बंसुरिया हो रामा,
राते चंदा संगऽ खेलै नुक्का-चोरिया इंजोरिया
हो रामा, चाहे जे भी होवे॥

(3)
अहो रामा भोरे-भोरे दुअरा पर,
जूही, बेली फूललै हो रामा,
जेकर गंधवा से
महकइत रहे दिला के कोठरिया, हो रामा! चाहे जे भी होवे॥
चइता भर नै जा देवो नौकरिया॥