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म रूने सिरानी छोडेर आएँ / सीमा आभास
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म रूने सिरानी छोडेर आएँ
फूलको जवानी छोडेर आएँ
पछ्याई तिम्रो पदचाप-छायाँ
म हिँड्ने बिहानी छोडेर आएँ
फूलको सुगन्ध, मायाको बगैँचा
बिर्सेर रूमानी छोडेर आएँ
बालापन, जवानी सम्झेँ दुःख-सुख
यी तमाम् कहानी छोडेर आएँ