Last modified on 14 अप्रैल 2018, at 21:32

शोभा हो शोभा अपरंवार / अंगिका लोकगीत

Rahul Shivay (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:32, 14 अप्रैल 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |रचनाकार=अज्ञात }} {{KKLokGeetBhaashaSoochi |भाषा=अंगिका }} {...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

शोभा हो, शोभा अपरंपार शिव तेरी शोभा हो

अंग भसम सिर गंग बहाए जटा जूट लटकाए
शिव तेरी शोभा
शोभा अपरंपार शिव तेरी शोभा हो

डिमिक डिमिक डिम डमरु बाजे भूत प्रेत संग नाचे
शिव तेरी शोभा
शोभा अपरंपार शिव तेरी शोभा हो

कर तिरसूल और डमरु राजे सीस चंद्रमा राजे
शिव तेरी शोभा
शोभा अपरंपार शिव तेरी शोभा हो