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राधे ने लगाई बाग लला / अंगिका लोकगीत

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

राधे ने, राधे ने लगाई बाग लला केसर के क्यारी क्यारी
केसर के क्यारी क्यारी हो केसर के क्यारी क्यारी
राधे ने राधे ने लगाई बाग लला केसर के क्यारी क्यारी

कै क्यारी केसरा बोए हो कै क्यारी केसरा न हो
कै क्यारी गुलाब कदम तर तई तई ता थैया
ता थैया हो लाल केसर के क्यारी
राधे ने राधे ने लगाई बाग लला केसर के क्यारी क्यारी

नौ क्यारी केसरा बोए हो नौ क्यारी केसरा न हो
दस क्यारी गुलाब कदम तर तई तई ता थैया
ता थैया हो लाल केसर के क्यारी
राधे ने राधे ने लगाई बाग लला केसर के क्यारी क्यारी

कै मन उपजे केसरा हो कै मन उपजे केसरा
कै मन उपजे गुलाब कदम तर तई तई ता थैया
ता थैया हो लाल केसर के क्यारी
राधे ने राधे ने लगाई बाग लला केसर के क्यारी क्यारी

नौ मन उपजे केसरा हो नौ मन उपजे केसरा
दस मन उपजे गुलाब कदम तर तई तई ता थैया
ता थैया हो लाल केसर के क्यारी
राधे ने राधे ने लगाई बाग लला केसर के क्यारी क्यारी