भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
सराद / बृजेन्द्र कुमार नेगी
Kavita Kosh से
Abhishek Amber (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:33, 24 अप्रैल 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=बृजेन्द्र कुमार नेगी |अनुवादक= |स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
कैमा मांगी उधार
कैमा पगाल
ब्वल्द भोल च
मेरी ब्वे कु 'सराद'
बच्यां मा भले द्यावल नि द्यावल
पर अब मोरी ग्या
पित्र ह्वेग्या
त दिणु जरुरी चा।