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दर्द / रघुवीर सहाय

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देखो शाम घर जाते बाप के कंधे पर

बच्चे की ऊब देखो

उसको तुम्हारी अंग्रेज़ी कह नहीं सकती

और मेरी हिंदी भी कह नहीं पाएगी

अगले साल ।