Last modified on 14 जून 2018, at 16:56

लुळ-लुळ करो सलाम / मोहम्मद सद्दीक

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:56, 14 जून 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मोहम्मद सद्दीक |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

लुळ लुळ करो सलाम
देस री माटी नै परणाम करो
जागो जनगण जागो
राती घाटी नै परणाम करो।

जीवै जलम भोम रै खातर
प्राण होमता जैज कठै
बलिदानी वीरां सूं सीखो
सीस देवणो बात सटै
सदियां जिण पर लेख लिखै
उण पाटी नै परणाम करो।

जलम भोम रो उणियारो
सो‘ ममता रो उणियारो है
भूखै तिरसै जीव जगत नै
अन जळ री पूरसारो है
भोभर में कसमसती बळती
बाटी नै परणाम करो।
लुळ लुळ करो सलाम
देस री माटी नै परणाम करो।