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जाझा करूँ जुहार / मानसिंह राठौड़

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पत राखण पैलाद री,अनुठो ले अवतार ।
हिरणाकुश ने मारियो,जाझा करूँ जुहार।।1।।

वांकल मात विरातरे,परचा देय अपार।
जोतां वाळी मात ने,जाझा करूँ जुहार।।2।।

धाम चोटिले रा धणी,पूजै नर अर नार।
बुलेट चढ अर आवजो,जाझा करूँ जुहार ।।3।।

सुमेर सरीखो सोवणो,गिर मोटो गिरनार ।
हेमाळो है हिम तणो,जाझा करूँ जुहार।।4।।

प्रथमी जस पसारियो,जगदेवे परमार ।
ऐड़ा नर भल अवतरे,जाझा करूँ जुहार।।5।।

कीरत रंग केसरियो,सगती रो आधार।
रजपूती रखवाळ नै, जाझा करूँ जुहार ।।6।।

समर साथी चेतकड़ो,राणे रो गळहार ।
अमर हुओ इण देस में,जाझा करूँ जुहार।।7।।

गांडीव चले जोरको,करै कौरु संहार।
पांडू थारे पूत ने,जाझा करूँ जुहार।।8।।

गायों घेर'र लावियो,हो घोड़े असवार।
रंग पाबु राठौड़ ने,जाझा करूँ जुहार।।9।।

राकस भैरू मारियो,भूमि घटायो भार।
अजमल घर अवतार ने,जाझा करूँ जुहार।10।।