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तरुण प्रेमी / काजी नज़रुल इस्लाम / सुलोचना वर्मा

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तरुण प्रेमी, प्रणय वेदना
बताओ-बताओ बे-दिल प्रिया को
ओ विजयी, निखिल हृदय
करो-करो जय मोहन माया से।

नहीं वो एक हिया समान
हज़ार काबा, हज़ार मस्जिद
क्या होगा तुम्हारे काबा की खोज से
आश्रय ढूँढ़ों तुम्हारी हृदय की छाँव में।

प्रेम की रौशनी से है जो दिल रौशन
जहाँ हो समान उसके लिए
ख़ुदा की मस्जिद, मूरत मन्दिर
ईसाई गिरजा, यहूदीख़ाना।

अमर है उसका नाम प्रेम के पन्नों पर
ज्योति से जिसे जाएगा लिखा
दोजख़ का भय नहीं होता है उसे
नहीं रखता है वह जन्नत की आशा।

मूल बंगला से अनुवाद : सुलोचना वर्मा
लीजिए, अब मूल बंगला में यही कविता पढ़िए
             তরুন প্রেমিক

তরুণ প্রেমিক, প্রণয় বেদন
জানাও জানাও বে-দিল প্রিয়ায়
ওগো বিজয়ী, নিখিল হূদয়
কর কর জয় মোহন মায়ায়।

নহে ও এক হিয়ার সমান
হাজার কাবা হাজার মস্‌জিদ
কি হবে তোর কাবার খোঁজে
আশয় খোঁজ তোর হূদয় ছায়ায়।

প্রেমের আলোয় যে দিল্‌ রোশন
যেথায় থাকুক সমান তাহার
খুদার মস্‌জিদ মুরত মন্দির
ইশাই দেউল ইহুদখানায়।

অমর তার নাম প্রেমের খাতায়
জ্যোতির লেখায় রবে লেখা
দোজখের ভয় করে না সে
থাকে না সে বেহেস্তের আশায়।।

– কাজী নজরুল ইসলাম