Last modified on 20 जुलाई 2018, at 13:15

तथागत और लामा /राम शरण शर्मा 'मुंशी'

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:15, 20 जुलाई 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राम शरण शर्मा 'मुंशी' |अनुवादक= |सं...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

बुद्ध भी आए
नहाए नदी में
बोले :
"ज़माना बदलता है
बदलते हैं पिटक भी चोले।"
"मिले पैसा अगर
सी०आई०ए० का,"
कह रहे लामा,
"तथागत !
बेचने में क्या मिलेगा
तिब्बती छोले ?"