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तथागत और लामा /राम शरण शर्मा 'मुंशी'

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बुद्ध भी आए
नहाए नदी में
बोले :
"ज़माना बदलता है
बदलते हैं पिटक भी चोले।"
"मिले पैसा अगर
सी०आई०ए० का,"
कह रहे लामा,
"तथागत !
बेचने में क्या मिलेगा
तिब्बती छोले ?"