भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

ग्राम्य लीक /राम शरण शर्मा 'मुंशी'

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:36, 20 जुलाई 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राम शरण शर्मा 'मुंशी' |अनुवादक= |सं...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

इक्के-दुक्के पेड़
टूटी हुई मेड़
दूर एक कुआँ
छप्पर पर धुआँ
खेत बिना खाद
भोजन निःस्वाद
राम नाम सत्य
असफल सब कृत्य
कीचड़ सनी नाली
बदबूदार ग़ाली
शिवालय स्थान
अधिक जहाँ श्वान
घूँघट की ओट
बड़ी गहरी चोट
धूल धूल धूल
बिना गन्ध फूल
एक ग्राम्य लीक —
जीवन का प्रतीक !