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अेक जांच भळै / राजेन्द्र जोशी

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घणो अचरज हुवै
आं डाक्टरां री खेचळ माथै
गजब सोभा है
सगळां रै मन नै जाणै
जांच करायां पछै।

नीं लगावै मिनख रै हाथ
नीं लगावै स्टेथस्कोप
नीं देखै जांच रा नतीजा
आपरै भरोसै री दुकान
देख'र मुळकतो
अेक जांच भळै।

सांतरो दिन हुवै
जांच जद भेळी हुवै
ढिगल्यां लाग जावै नोटां री
दोवूं हाथां सूं अंवेरै
जांच नोट छापण री मसीन है
घरां नोट गिणनै री मसीन
दवा कंपनी री देन है।

जाणता थकां ई
नीं जाणै भायला अर रिस्तेदार
बै इण मसीन री मजाक उडावै
भूलग्यो डाक्टर
दुनियादारी
पण फीस जैड़ै
पवित्र काम मांय
पिछाण समझ नीं आवै
साम्हीं देखै पछै, माडाणी पिछाणै
आपरी खिमता रो अैसास
बीमार रै रिस्तेदारां नैं मिंट-मिंट छैड़ै करावै
नूंवी अबोट जांच रो हुकम देवता थकां
बेगी रिपोर्ट मिळण खातर
दुकान रो नांव रटाय देवै।

जांच रो भरोसो
नीं तोड़ै
दो-तीन मिनख
बीमार अर जांच-केंद्र रै
बिचाळै सेळ-भेळ
डाक्टर रै गैराई सूं देख्यां पछै
नूंवी जांच खातर।

जांच मांय कसर नीं रैवण देवै
पंपिंग सूं पैली
अेक बेगी जांच
भळै भेज देवै
जांच री गारंटी रो खेल
खेलावै बीमार रै
अंतकाळ तांई।