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हाइकु 25 / लक्ष्मीनारायण रंगा
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अंग-अंग पे
बरसावै चंदण
मा-मरूभोम
होठ हिलाऊं
पण गीत तो गावै
कोई दूजो ई
मिनख खोलै
सै ई आडा घरां रा
पण मनां रा