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हाइकु 36 / लक्ष्मीनारायण रंगा

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करै है सापो
कूखां अर गरम
सोनोग्राफी रो


सीप्यां ई नईं
आंख्यां भी निपजै है
अभीण मोती


प्रेम रो आँसू
अमोल कोहनूर
ई जगत रो