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हाइकु 54 / लक्ष्मीनारायण रंगा
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इण हालातां
वन-जीव मिलैला
तस्वीरां में ई
थूं परमात्मा
म्हैं आत्मा, कांई थूं भी
देवै दुहाग?
मा री सुरक्षा
पूतां रो करतब,
बचाओ नदयां