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हाइकु 141 / लक्ष्मीनारायण रंगा
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मंथरा अेक
पण टी.वी. कारणै
घर घर में
लोग ठिंगणा
नईं हुवै कदां सूं
हुवै मनां सूं
चांद मंगळ
कर देवांला मैला
बठै बस‘र