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हाइकु 186 / लक्ष्मीनारायण रंगा
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गंगा तो आवै
जे हुवै भागीरथ
इण धरा पे
हर सीपी रै
भाग में नईं हुवै
मोती जणना
बजारां मांय
दौड़ै सोनमिरगा
सीता थूं चेत