भूल जाओ _
			मिले थे हम
कभी! 
चित्र जो अंकित हुए
सपने थे
सभी! 
भूल जाओ _
रंगों को
बहारों को, 
देह से : मन से
गुज़रती
कामना-अनुभूत धारों को! 
भूल जाओ _
हर व्यतीत-अतीत को, 
गाये-सुनाये
गीत को : संगीत को!