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प्राण सींचती / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’

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1 प्राण सींचती सामगान -सी वाणी सद्यस्नाता- सी। 2 नश्वर काया तुम्हारी मोहमाया बाँधे है मुझे। 3 आँसू तुम्हारे भिगोएँ मेरा सीना मैं बड़भागी। 4 रातों में जागूँ तुम्हारे लिए ही मैं दुआएँ माँगूँ .