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याद / वार्सन शियर / राजेश चन्द्र

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मेरा ख़याल है कि यह युद्ध
मैं अपने साथ ही लेकर आई थी
अपनी त्वचा में, एक क़फ़न
अपनी खोपड़ी में लपेट कर,
वजह अपने नाख़ूनों की तह में लिए हुए।

यह बैठता है मेरे पाँवों के पास
जब मैं देख रही होती हूँ टीवी।
मैं सुनती हूँ इसकी सीली साँसें पृष्ठभूमि में
फ़ोन पर हर एक बातचीत के दरम्यान।
मैं महसूस करती हूँ इसे सोता हुआ
ऐन बीच में हमारे बिस्तर पर।
यह रगड़ता है मेरी पीठ को नहाते वक़्त।
धकेलता है ख़ुद को दूसरी दिशा में
जब मैं गुसलख़ाने की सिंक पर होती हूँ।
रात में, यह बढ़ाता है मेरी तरफ़ गोलियाँ,
कस कर थाम लेता है मेरा हाथ,
मैं मिला नहीं पाती कभी नज़र उससे।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : राजेश चन्द्र