Last modified on 12 सितम्बर 2018, at 17:03

कवि जीवकान्तक प्रति / ककबा करैए प्रेम / निशाकर

Jangveer Singh (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:03, 12 सितम्बर 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निशाकर |अनुवादक= |संग्रह=ककबा करै...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

जीवकान्त जी!
अहाँक मृत्युक खबरि
जखन सुनौने रहथि प्रदीप बिहारी
लागल रहए हमरा
जेना माय-बापक अछैत
भऽ गेलहुँ
टुग्गर
पसरि गेल रहए
हमर चारूकात
अन्हार
खाली अन्हार।

अहाँ
अमृता, कोसी, कमला, गंडकी, गंगा, बागमती, बलान
खाड़ो, धेमुरा, लक्ष्मणा, त्रिभुगाक पानि बनि
प्रतिनिधित्व कयलहुँ
मिथिलासँ
बाहर
मिथिलाक
दिगन्त धरि।

अहाँक कविता पर गुमान करइए-
चिड़ै-चुनमुनी
उनचासो पवन
बाध-बोन
अकास, बिजुरी, बदरी, बरखा
आ सम्पूर्ण मिथिलाक जनपद।