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स्मृति-एक / ककबा करैए प्रेम / निशाकर

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अहाँक उपस्थिति भरि दैछ
हमरेमे नहि,
वातावरण सेहो
जोश आ क्षमता
इन्द्रधनुष भऽ जाइत अछि दुनिया।

अहाँ जहिया नहि रहबै
हमहीं नहि
फूल-पात
बाध-बोन
गाम-घर
सभ उदास भऽ मनेतै
शोकसभा
आ अपन-अपन
मोनमे सहेजि लेतै
अहाँक संग बिताओल क्षणक
स्मृति।