भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

ढेरी / ककबा करैए प्रेम / निशाकर

Kavita Kosh से
Jangveer Singh (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:15, 12 सितम्बर 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निशाकर |अनुवादक= |संग्रह=ककबा करै...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


बुन्न एक ठाम ढेरी भेलासँ बनि जाइछ
पोखरि
लुत्ती एक ठाम ढेरी भेलासँ
आगि
बालु एक ठाम ढेरी भेलासँ
रेगिस्तान
विश्वास एक ठाम ढेरी भेलासँ
संबंध
शंका एक ठाम ढेरी भेलासँ
संबंध-विच्छेद
क्रोध एक ठाम ढेरी भेलासँ
विध्वंस
नोर एक ठाम ढेरी भेलासँ
शोक
प्रेम एक ठाम ढेरी भेलासँ
सृजन
सृष्टिक पहिले दिनसँ चलि रहल अछि
ई बेबहार
आ चलैत रहत
सभ दिन।