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प्रेम-दू / ककबा करैए प्रेम / निशाकर
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तोहर नील-नील आँखिक गंगामे
हेलब शुरू कयलहुँ हम
तखन जा कऽ पता चलल हमरा
ऊर्जाक अनंत स्रोत नुकायल छै
प्रेम
टानिक छै
कऽ देलकै हमर
कायाकल्प
नस-नसमे संचार होमऽ लगलै
उत्साहक
सहस्त्र गुण बढ़ि गेलैक हिम्मति
करेजकें भेटि गेलैक
दीयरि।