भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
अहाँ / ककबा करैए प्रेम / निशाकर
Kavita Kosh से
Jangveer Singh (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:50, 12 सितम्बर 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निशाकर |अनुवादक= |संग्रह=ककबा करै...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
अहाँ
पिबैत रहू
पीड़ाकंे शरबत जकाँ
तकैत रहू
सौन्दर्यकें चकोर जकाँ
बरसैत रहू
बरखाक बुन्न जकाँ
नचैत रहू
मयूर जकाँ
जमैत रहू
बरफ जकाँ
सिहकैत रहू
बसात जकाँ
फुलाइत रहू
गुलाब जकाँ।