वर्तमान वर्तमान वीभत्से नहि होइत अछि ओहिसँ शृंगार सेहो हुलकी दैत अछि। वर्तमान मात्र तीन नहि होइछ मीठ सेहो लगैत अछि। वर्तमान मात्र गिरगिट जकाँ रंगे नहि बदलैछ माय-सन दुलार सेहो करैत अछि। वर्तमानक गर्भमे मात्र अपहरण, नरसंहार आ बलात्कारे नहि पोसाइत अछि धर्म, सेक्स आ कला सेहो पोसाइत अछि।