Last modified on 28 सितम्बर 2018, at 00:56

नई ज़िन्दगी / रमाकांत द्विवेदी 'रमता'

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:56, 28 सितम्बर 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रमाकांत द्विवेदी 'रमता' |अनुवादक=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

हम मरते नई ज़िन्दगी पर, तस्वीर पुरानी रहने दे
नस-नस में भरी जवानी है, शमशीर पुरानी रहने दे

तूफ़ान छुपाए कानों को, रुनझुन से बहलाना कैसा
हम झाड़ जिसे आए पथ में, ज़ंजीर पुरानी रहने दे
रे क़लम चलाने वाले, अब बेकार सभी कोशिश तेरी
निर्माण हमारे क़दमों में, तक़दीर पुरानी रहने दे

रचनाकाल : 24.04.1950