भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
बुढ़ापा / आईदान सिंह भाटी
Kavita Kosh से
Kumar mukul (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:34, 10 अक्टूबर 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=आईदान सिंह भाटी |संग्रह= }} {{KKCatK...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
{{KKCatK avita}}
आँखों में उदासी
कैसा काबा
और
कैसी काशी?
अनुवाद : सवाईसिंह शेखावत