Last modified on 23 अक्टूबर 2018, at 02:15

फ़ोटो के बाहर चिड़िया / सुधांशु उपाध्याय

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 02:15, 23 अक्टूबर 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुधांशु उपाध्याय |अनुवादक= |संग्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)


फ़ोटो में है
सबकुछ लेकिन
चिड़िया उसके बाहर है

जंगल झरने पेड़ पहाड़
हँसती फ़सलें गाते खेत
नावें नदिया चलती लहरें
होंठों पर मटमैली रेत
एक गिलहरी
आगे-आगे
और दौड़ता पीछे डर है

जल के सोते रिसता पानी
दौड़ रहे हिरनों के बच्चे
इस कोने में उड़ती तितली
उस कोने किरनों के बच्चे
एक धूप का
नाज़ुक टुकड़ा
और रात का खंजर है

लोग मवेशी गली बगीचे
पीपल की दुमकटी छाँव है
कच्चे घर में कई औरतें
कई पाँव में एक पाँव है
एक अरगनी
बिलकुल ख़ाली
और हवा का चक्कर है

चिड़िया है फ़ोटो के बार
सोच रही कुछ करने को
और फ्रेम का ख़ाली कोना
सोच रही है भरने को
एक पंख में
नील गगन है
एक पंख में सागर है