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जेतना भी कहिऐ कमहीं है / उमेश बहादुरपुरी

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की हम करिअइ अपन बिहार के बड़इया।
जेतना भी कहिऐ कमहीं है हो भइया।।
गया के तिलकूट आउ सिलाव के खाजा।
हम्मर ई सूबा के नीतीश हथ राजा।
राजेंदर बाबू के है गाँव जीरादेइया।। जेतना भी ....
बोधगया के बोधी मंदिर ककोलत के ठंडा पानी।
अंगदेश के कर्ण से बढ़के हथ बड़का दानी।
मशहूर है बाढ़ के चोंदी पर के लइया।। जेतना भी ....
बिहार के रेउड़ी मीठा-मीठा निश्चल गंज के पेंड़ा।
गीलानी के मालदह में न´् है कोय बखेड़ा।
बिहार केसरी हलथिन हमर बरबिगहिया।। जेतना भी ...
मुजफ्फरपुर के लीची आउ हाजीपुर के केला।
एशिया भर में धूम मचाबे सोनपुर के मेला।
हमर नीतीश बाबू हथीन कल्याणबिगहिया।। जेतना भी ...
मनेर के लड्डू मन मन फूटे आउ बरमा के बारा।
राजगृह में आज तलक हे जरासंघ के अखाड़ा।
कुँअर सिंह जइसन के होतै वीर लड़बइया। जेतना भी ...
रच्छा ले है मुँगेर में बन्नल बंदूक कारखाना।
भागलपुरिया जरदालु के सब कोय हियाँ दीवाना।
बखोरापुर में दर्शन खातिर हथिन काली मइया।। जेतना भी ...
पावापुरी में जल-मंदिर आउ पटना में हनुमान के।
इहे मगध से हार मानलक सिकंदर यूनान के।
बड़गाँव में हथिन सूरूज बाबा आरो छठी मइया।। जेतना भी ....