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हो नित्य मन में भावना / रंजना वर्मा
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हो नित्य मन में भावना।
सबके लिए शुभकामना॥
हो दान औरों के लिए
अपने लिये सद्भावना॥
चाहे कठिन आये समय
पर हो न कोई याचना॥
घनश्याम का मन मोहती
केवल सतत आराधना॥
तज मोह के बंधन सभी
प्रभु के चरण अनुरागना॥
है सत्य यह संसार में
रहती सदा संभावना॥
विश्वास हो निज शक्ति पर
होगी सफलता-साधना॥