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समान / महेन्द्र भटनागर
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प्रात भी अरुण
सान्ध्य भी अरुण
प्रात-सान्ध्य एक हैं।
जन्म पर रुदन
मृत्यु पर रुदन
जन्म-मृत्यु एक हैं।
यही
सही विवेक है,
यथार्थ ज्ञान है,
व्यर्थ
और ... और ध्यान है!